भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज की, क्योंकि विदेशी फंडों की लगातार निकासी और आयात शुल्क को लेकर बनी चिंताओं ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया। शुरुआती सत्र में बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी, दोनों ही सूचकांक लाल निशान में खुले और कुछ समय बाद गिरावट और गहरी हो गई।
सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में कई सौ अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 50 भी अपने प्रमुख स्तरों से नीचे चला गया। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) पिछले कुछ सत्रों से भारतीय इक्विटी से निवेश निकाल रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा है।
इसके अलावा, हाल में लगाए गए या प्रस्तावित आयात शुल्क और टैरिफ में संभावित बदलाव को लेकर भी निवेशकों के बीच अनिश्चितता बनी हुई है। यह स्थिति निर्यात-आयात से जुड़े उद्योगों और कंपनियों के शेयरों पर विशेष रूप से नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
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विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेत, कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव ने भी घरेलू निवेश धारणा को प्रभावित किया है। आईटी, ऑटो, मेटल और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में शुरुआती गिरावट देखी गई, जबकि कुछ चुनिंदा फार्मा और एफएमसीजी शेयरों में हल्की मजबूती रही।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यदि विदेशी फंडों की बिकवाली का दबाव और बढ़ा तथा टैरिफ से जुड़ी चिंताएं जल्द कम नहीं हुईं, तो आने वाले सत्रों में बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
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