अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखाई। शुरुआती कारोबार में रुपया 14 पैसे चढ़कर 86.93 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र, यानी 20 अगस्त को, रुपया 87.07 प्रति डॉलर पर मजबूत बंद हुआ था।
करेंसी डीलरों के अनुसार, विदेशी पूंजी प्रवाह और घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक रुझान से रुपये को समर्थन मिला है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता ने भी रुपये को मजबूती प्रदान की। हालांकि, अमेरिकी डॉलर के वैश्विक सूचकांक में हल्की मजबूती और विदेशी बाजारों में भू-राजनीतिक अनिश्चितता के कारण रुपये की बढ़त सीमित रही।
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों की नजर अब अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की मौद्रिक नीति से जुड़े बयानों और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर है। यदि डॉलर में वैश्विक स्तर पर तेजी आती है तो रुपये पर दबाव बन सकता है, जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लगातार खरीदारी से रुपये को सहारा मिल सकता है।
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बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले कुछ सत्रों में रुपये का रुख अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की चाल, विदेशी पूंजी निवेश और कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करेगा। वर्तमान स्थिति में रुपये की विनिमय दर में स्थिरता बनी रहने की संभावना जताई जा रही है।
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