छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में रविवार को 37 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। पुलिस के अनुसार, इन आत्मसमर्पण करने वालों में 27 माओवादी ऐसे थे जिन पर कुल मिलाकर 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों और प्रशासन के लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप हुआ, जो स्थानीय लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने और शांतिपूर्ण वातावरण स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
हाल के दिनों में दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, बस्तर और बीजापुर जिलों में बड़े पैमाने पर माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह संकेत देता है कि सुरक्षा बलों की बढ़ती दबाव नीति, विकास योजनाओं का विस्तार और पुनर्वास नीति ने माओवादियों को हथियार छोड़ने के लिए प्रेरित किया है।
पुलिस ने अपने बयान में कहा कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि भूमि एवं अन्य सरकारी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी ताकि वे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
और पढ़ें: इंडोनेशिया में भीषण बाढ़: भोजन-पानी के लिए लूट, 442 की मौत; श्रीलंका में भी स्थिति गंभीर
प्रशासन का कहना है कि राज्य सरकार की जनहित नीति और जनसंपर्क कार्यक्रमों ने माओवादियों को यह विश्वास दिलाया है कि आत्मसमर्पण के बाद उन्हें सुरक्षा और आजीविका दोनों की गारंटी मिलेगी। अधिकारी मानते हैं कि यह आत्मसमर्पण क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है और आने वाले समय में इसका सकारात्मक प्रभाव दिखेगा।
इस सामूहिक आत्मसमर्पण से यह भी स्पष्ट होता है कि जंगलों में माओवादियों का जनाधार लगातार कमजोर हो रहा है, जबकि प्रशासन और सुरक्षा बल विकास को प्राथमिकता देते हुए लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने में सफल हो रहे हैं।
और पढ़ें: हांगकांग अपार्टमेंट आग में मौत का आंकड़ा 146 पहुंचा, सैकड़ों लापता; जांच तेज