78 वर्षों से स्वतंत्र भारत ने अनेक बदलाव और प्रगति देखी है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्री लिखते हैं कि भारत की सबसे बड़ी विशेषता उसका लोकतांत्रिक इतिहास और परंपरा रही है।
मुख्यमंत्रियों ने अपने लेख में यह बताया कि स्वतंत्रता केवल राजनीतिक अधिकार पाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसके साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति को भी महत्व देना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र न केवल संविधान और कानून में निहित है, बल्कि यह हर नागरिक के जीवन में दिखाई देता है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास में किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सच्ची ताकत तब सामने आती है जब नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जाता है।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने तकनीकी विकास और डिजिटल क्रांति को स्वतंत्र भारत की प्रगति के प्रतीक के रूप में बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि सरकारी योजनाओं और डिजिटल पहलों ने नागरिकों तक सेवाओं की पहुंच को आसान और पारदर्शी बनाया है।
केरल के मुख्यमंत्री ने समाज में समानता और सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के बावजूद भारत एकता और सहिष्णुता का प्रतीक बना हुआ है।
तीनों मुख्यमंत्रियों ने इस स्वतंत्रता दिवस पर यह संदेश दिया कि देश की प्रगति में लोकतंत्र, समावेशिता और नवाचार की भूमिका सबसे अहम रही है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस लोकतांत्रिक धरोहर की रक्षा करें और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें।
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