सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवाई के खिलाफ एक अधिवक्ता ने जूता फेंक दिया, जो कोर्ट में एक विवादास्पद घटना बन गई। दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब अदालत में खजुराहो मंदिर परिसर, मध्य प्रदेश में भगवान विष्णु की प्रतिमा की बहाली से जुड़े एक मामले की सुनवाई चल रही थी।
पुलिस के अनुसार, अधिवक्ता CJI गवाई की हाल की सुनवाई में दिए गए टिप्पणियों से असंतुष्ट था। उसने कोर्ट के दौरान अपनी नाराजगी जताने के लिए यह अप्रत्याशित कदम उठाया। घटना के तुरंत बाद सुरक्षा कर्मियों ने अधिवक्ता को हिरासत में लिया और कोर्ट परिसर को सुरक्षित किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं न्यायालय की गरिमा और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है। मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की सुरक्षा के लिए कोर्ट में कड़े प्रबंध पहले से मौजूद हैं, लेकिन इस तरह की अप्रत्याशित हरकतें अदालत की कार्यवाही को बाधित कर सकती हैं।
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सर्वोच्च न्यायालय के प्रवक्ता ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान CJI गवाई ने जो टिप्पणियां की थीं, उनके संदर्भ में अधिवक्ता नाराज था। पुलिस ने कहा कि आरोपी अधिवक्ता के खिलाफ सुरक्षा नियमों और शिष्टाचार के उल्लंघन में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि न्यायपालिका की सुरक्षा और आचार संहिता का पालन अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे घटनाक्रमों को रोकने के लिए कोर्ट परिसर में सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जा सकता है।
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