केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने बताया कि पिछले चार वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल्स की सहायता से सरकार को ₹11,000 करोड़ का अतिरिक्त कर राजस्व प्राप्त हुआ है। ये टूल्स कर चोरी और अघोषित संपत्तियों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
रवि अग्रवाल ने कहा कि एआई-आधारित विश्लेषण के ज़रिए अब तक ₹29,000 करोड़ मूल्य की अघोषित विदेशी संपत्तियों का भी खुलासा किया गया है। इसके अलावा, विदेशी आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों (VDA) या क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित ₹1,000 करोड़ की आय का भी पता चला है, जो पहले टैक्स रडार से बाहर थी।
CBDT प्रमुख ने इस उपलब्धि को डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग और एडवांस्ड एआई एल्गोरिद्म के प्रभावी इस्तेमाल का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार अब कर चोरी के मामलों में अधिक पारदर्शिता और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का भरपूर उपयोग कर रही है।
इसके अलावा, CBDT विदेशी लेन-देन और परिसंपत्तियों की निगरानी के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी मजबूती दे रहा है। भारत कई देशों के साथ सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था में भी शामिल है, जिससे कर चोरी पर नकेल कसने में मदद मिल रही है।
सरकार के इस टेक-आधारित दृष्टिकोण से टैक्स अनुपालन में सुधार हुआ है और भविष्य में यह प्रणाली और अधिक प्रभावी बनाने की योजना है।