गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में ऐसे मंत्रियों को पद से हटाने के उद्देश्य से तीन विधेयक पेश किए जिन पर गंभीर आपराधिक आरोप लगे हैं। इन विधेयकों के माध्यम से सरकार का दावा है कि राजनीति में नैतिक मानकों को मजबूत किया जाएगा और भ्रष्टाचार व आपराधिक छवि वाले नेताओं को सत्ता से बाहर रखा जाएगा।
हालांकि, कांग्रेस और विपक्षी दलों ने इन विधेयकों का कड़ा विरोध किया। कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि यह कदम राजनीति में नैतिकता लाने के लिए है, जबकि खुद भाजपा के कई नेताओं पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने पूछा, "क्या यह विधेयक केवल विपक्ष के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होगा?"
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि सरकार का उद्देश्य राजनीति से अपराध को पूरी तरह खत्म करना है। उन्होंने बताया कि यदि कोई मंत्री गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्त पाया जाता है तो उसे तुरंत हटाया जाएगा और किसी भी दल के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।
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विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार इन विधेयकों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए कर सकती है। वहीं भाजपा सांसदों का कहना है कि यह कदम लोकतंत्र और शासन व्यवस्था को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है।
संसद में इस मुद्दे पर जोरदार बहस हुई और कई बार माहौल गर्म हो गया। अगले चरण में इन विधेयकों को संसदीय समिति के पास भेजे जाने या सीधे मतदान के लिए पेश किए जाने पर निर्णय होगा।
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