झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. गवाई पर हाल ही में हुए हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे लोकतंत्र की आत्मा पर हमला करार दिया। सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया X (पूर्व ट्विटर) पर साझा की और कहा कि यह एक कायरतापूर्ण कृत्य है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायपालिका पर हमला केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि यह पूरे लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान पर हमला है। उन्होंने सभी नागरिकों और राजनीतिक दलों से इस घटना की निंदा करने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सुरक्षा की रक्षा करने की अपील की।
सोरेन के अनुसार, लोकतंत्र में न्यायपालिका का सम्मान और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक है। किसी भी तरह के हमले से लोकतंत्र की नींव को कमजोर किया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सुनिश्चित करें कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
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राजनीतिक और सामाजिक विशेषज्ञों का मानना है कि CJI पर हमला लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर बढ़ते खतरे का संकेत है। इसे लेकर पूरे देश में चिंता और आक्रोश है। विपक्ष और नागरिक समाज ने भी घटना की निंदा करते हुए न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस हमले ने न्यायपालिका की सुरक्षा के सवाल को फिर से सामने ला दिया है और सरकार तथा प्रशासन के लिए यह गंभीर चुनौती है कि वे न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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