पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस सोमवार (17 नवंबर 2025) को राजभवन परिसर में सुरक्षा बलों के साथ एक बड़े तलाशी अभियान का नेतृत्व करेंगे। यह कार्रवाई तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद शुरू की जा रही है, जिसमें कहा गया था कि राजभवन परिसर में हथियार और गोला-बारूद जमा किए गए हैं।
TMC सांसद ने 15 नवंबर को आरोप लगाया था कि राज्यपाल “राजभवन के भीतर BJP अपराधियों को शरण दे रहे हैं” और “उन्हें बम और बंदूकें उपलब्ध करा रहे हैं।” इन आरोपों ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।
एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को कोलकाता पुलिस और केंद्रीय बलों की एक संयुक्त टीम राजभवन के हर हिस्से की तलाशी लेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि परिसर में हथियार या विस्फोटक मौजूद हैं या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि तलाशी अभियान का नेतृत्व स्वयं राज्यपाल करेंगे।
और पढ़ें: पश्चिम बंगाल में विपक्ष ने जल्दबाज़ी में हो रहे मतदाता सूची संशोधन पर उठाई आपत्ति
तलाशी अभियान के दौरान नागरिक समाज के सदस्य और पत्रकार भी राज्यपाल के साथ मौजूद रह सकेंगे, जिससे प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
कल्याण बनर्जी के आरोप ठीक उसी दिन सामने आए जब राज्यपाल ने कहा था कि मतदाता सूची की Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया चुनाव व्यवस्था को “शुद्ध” करने के लिए आवश्यक है। इसके बाद राजनीतिक विवाद और बढ़ गया।
राज्यपाल बोस ने 16 नवंबर को कहा कि उन्होंने सांसद बनर्जी के आरोपों के संबंध में कानूनी सलाह मांगी है। इसके बाद TMC सांसद ने कहा कि वह न्यायालय में लड़ाई के लिए तैयार हैं और उन्हें किसी भी प्रकार से डराया नहीं जा सकता।
यह मामला राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है, और तलाशी के परिणामों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
और पढ़ें: अब बंगाल की बारी? बिहार रुझानों के बाद बीजेपी में उत्साह, टीएमसी का पलटवार