बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना 14 नवंबर को जारी है और शुरुआती रुझानों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 200 से अधिक सीटों पर बढ़त बना ली है। भाजपा और जदयू के नेतृत्व वाला यह गठबंधन एक बार फिर सत्ता में लौटता दिख रहा है।
रुझानों के अनुसार, महागठबंधन—जिसमें कांग्रेस और राजद शामिल हैं—दूसरे स्थान पर काफी पीछे है। वहीं प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी अब तक खाता भी नहीं खोल पाई है।
सबसे बड़ा झटका राजद नेता तेजस्वी यादव को लगा है, जो राघोपुर सीट से 4,000 से अधिक मतों से पीछे चल रहे हैं। भाजपा इस बार सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की स्थिति में दिखाई दे रही है।
शुरुआती रुझानों के बाद यह अनुमान है कि शाम तक तस्वीर और साफ होगी, जबकि अंतिम परिणाम रात तक आने की संभावना है।
पूरे राज्य में मतगणना 243 रिटर्निंग ऑफिसर्स और 243 काउंटिंग ऑब्जर्वर्स की निगरानी में हो रही है। चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार किसी भी मतदान केंद्र पर गड़बड़ी, विवाद या अनियमितता की शिकायत नहीं मिली है। पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी भी सीट पर पुनर्मतदान की जरूरत महसूस नहीं की गई।
उधर, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि बिहार चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले नहीं हैं। उनका दावा है कि चुनाव आयोग और भाजपा “राष्ट्रीय एजेंडा” को आगे बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार का परिणाम 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के “पैटर्न” जैसा है, जिसमें महायुति गठबंधन ने भारी जीत हासिल की थी।
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