ऑस्ट्रेलिया के बॉडी बीच पर पिछले सप्ताह हुए भीषण सामूहिक गोलीकांड के दो आरोपियों ने हमले से पहले ग्रामीण इलाकों में ‘टैक्टिकल’ यानी रणनीतिक प्रशिक्षण लिया था। यह दावा पुलिस ने सोमवार (22 दिसंबर 2025) को अदालत में पेश दस्तावेजों में किया। इस बीच, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने नफरत फैलाने वाले भाषण और उग्रवाद के खिलाफ सख्त कानून लाने का संकल्प दोहराया है।
पुलिस के अनुसार, पिता-पुत्र साजिद अकरम और उनके बेटे नावीद पर बोंडी बीच पर आयोजित हनुक्का कार्यक्रम को निशाना बनाने का आरोप है। इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई, जो लगभग तीन दशकों में ऑस्ट्रेलिया की सबसे घातक सामूहिक गोलीबारी मानी जा रही है। अदालत में पेश दस्तावेजों में कहा गया है कि दोनों आरोपियों ने न्यू साउथ वेल्स के ग्रामीण इलाकों में आग्नेयास्त्रों का प्रशिक्षण लिया था।
पुलिस द्वारा जारी तस्वीरों में आरोपियों को शॉटगन चलाते और ‘रणनीतिक तरीके’ से आगे बढ़ते हुए दिखाया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि अक्टूबर में दोनों ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के झंडे के सामने बैठकर ‘ज़ायोनिस्टों’ के खिलाफ बयान देते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें उन्होंने हमले के पीछे की अपनी मंशा भी बताई थी। इसके अलावा, हमले से कुछ दिन पहले उन्होंने रात के समय बॉडी बीच की ‘रेकी’ यानी टोह भी ली थी।
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रविवार को, गोलीबारी की पहली सूचना के ठीक एक सप्ताह बाद, पूरे ऑस्ट्रेलिया में शाम 6:47 बजे एक मिनट का मौन रखा गया। सोमवार को प्रधानमंत्री अल्बानीज़ ने कहा कि सरकार “हेट प्रीचिंग” को गंभीर अपराध बनाने के लिए नए सख्त कानून लाएगी। उन्होंने कहा, “हम आईएस से प्रेरित आतंकियों को जीतने नहीं देंगे और न ही उन्हें हमारे समाज को बांटने देंगे।”
इस घटना के बाद संघीय सरकार ने हथियारों की खरीद-बिक्री और नफरत फैलाने वाले भाषणों पर सख्ती के साथ-साथ पुलिस और खुफिया सेवाओं की समीक्षा की घोषणा की है। न्यू साउथ वेल्स सरकार ने भी देश के सबसे कड़े हथियार कानून लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें हथियारों की संख्या सीमित करने और आतंकी प्रतीकों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध शामिल है।
हमले के दौरान पुलिस की गोली से साजिद अकरम की मौत हो गई थी, जबकि उनका 24 वर्षीय बेटा नावीद अस्पताल से जेल भेज दिया गया है।
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