BRICS मीडिया और थिंक टैंक फोरम की हाल ही में हुई बैठक में वैश्विक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शासन में ग्लोबल साउथ की भूमिका को सशक्त बनाने की जोरदार मांग उठी। फोरम में भाग लेने वाले विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं ने चेतावनी दी कि AI क्षमताओं का एक सीमित संख्या के देशों और कंपनियों तक सीमित रहना विकासशील देशों के लिए खतरनाक निर्भरता उत्पन्न कर सकता है।
बैठक में यह मुख्य चिंता सामने आई कि अमेरिका, यूरोप और कुछ एशियाई देशों में AI विकास और नियंत्रण केंद्रित हो रहा है, जिससे वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) के देशों की तकनीकी संप्रभुता और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। विशेषज्ञों ने कहा कि यदि ये देश AI नीतियों के निर्माण में शामिल नहीं होंगे, तो भविष्य में उन्हें केवल उपभोक्ता की भूमिका में ही रहना पड़ेगा।
फोरम ने सुझाव दिया कि BRICS देशों को मिलकर एक समावेशी और न्यायसंगत वैश्विक AI ढांचा तैयार करने के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। इसमें डेटा की सुरक्षा, AI के नैतिक प्रयोग और तकनीकी सहयोग जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
इसके साथ ही, विकासशील देशों में AI अनुसंधान, प्रशिक्षण और नवाचार को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया गया, ताकि वे वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सकें।