केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में छात्रों की सफलता को लेकर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के आरोप में कोचिंग संस्थान विजन IAS पर ₹11 लाख का जुर्माना लगाया है। उपभोक्ता संरक्षण कानूनों के तहत यह किसी संस्थान पर दोबारा अपराध के लिए लगाया गया पहला जुर्माना है।
CCPA की जांच में पाया गया कि अजयनविजन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत इस संस्थान ने जानबूझकर यह जानकारी छिपाई कि सफल उम्मीदवारों ने वास्तव में कौन-से कोर्स किए थे। इससे यह गलत धारणा बनी कि सभी टॉपरों ने विजन IAS के महंगे फाउंडेशन कोर्स किए थे, जिनकी फीस लाखों रुपये में होती है।
संस्थान के विज्ञापनों में प्रमुख रूप से “CSE 2023 में टॉप 10 में 7 और टॉप 100 में 79 चयन” तथा “CSE 2022 में टॉप 50 में 39 चयन” जैसे दावे किए गए थे, जिनमें सफल अभ्यर्थियों की तस्वीरें, नाम और रैंक भी दर्शाई गई थीं। हालांकि जांच में सामने आया कि CSE 2022 और 2023 में चयनित बताए गए 119 से अधिक उम्मीदवारों में से केवल तीन ने ही फाउंडेशन कोर्स किया था। शेष 116 उम्मीदवारों ने केवल टेस्ट सीरीज़, अभ्यास टेस्ट या मॉक इंटरव्यू जैसी सीमित सेवाएं ली थीं।
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CCPA ने यह भी नोट किया कि संस्थान ने शुभम कुमार (AIR 1, CSE 2020) के बारे में यह स्पष्ट किया था कि वे जीएस फाउंडेशन बैच के छात्र थे, लेकिन अन्य सफल उम्मीदवारों के बारे में ऐसी जानकारी छिपाई गई। इससे यह भ्रम पैदा हुआ कि सभी चयनित छात्र उसी प्रीमियम कोर्स का हिस्सा थे।
प्राधिकरण ने कहा कि बार-बार नियमों का उल्लंघन होने के कारण इस मामले में कड़ा जुर्माना लगाया गया। CCPA ने स्पष्ट किया कि ऐसी भ्रामक जानकारियां छात्रों और अभिभावकों को गलत उम्मीदें देती हैं। अब तक CCPA 57 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी कर चुका है और 28 संस्थानों पर कुल ₹1.09 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।
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