कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं से जुड़े एक कथित किकबैक नेटवर्क में पूर्व प्रसार भारती अध्यक्ष नवनीत कुमार सहगल सबसे बड़े लाभार्थी रहे हैं। पार्टी का दावा है कि इस नेटवर्क के जरिए वर्ष 2019-20 से 2021-22 के बीच लगभग ₹112 करोड़ की राशि की हेराफेरी की गई। कांग्रेस ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सहगल को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने यह आरोप एक हालिया रिपोर्ट और आयकर विभाग (जांच) के 254 पन्नों के एक गोपनीय दस्तावेज के हवाले से लगाए हैं। पार्टी के अनुसार, इस दस्तावेज में कथित तौर पर यह खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं से रिश्वत और कमीशन के रूप में बड़ी रकम निकाली गई और इसका सबसे बड़ा हिस्सा नवनीत कुमार सहगल को मिला।
रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग की इस गोपनीय जांच रिपोर्ट में सहगल को कथित किकबैक नेटवर्क का सबसे बड़ा लाभार्थी बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नेटवर्क के माध्यम से सरकारी योजनाओं में भारी वित्तीय अनियमितताएं की गईं।
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गौरतलब है कि नवनीत कुमार सहगल ने 2 दिसंबर को प्रसार भारती के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनके कार्यकाल का एक वर्ष अभी शेष था। कांग्रेस का कहना है कि इस्तीफे के समय और सामने आए तथ्यों को देखते हुए पूरे मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ें और स्पष्ट करें कि क्या केंद्र और राज्य सरकार इस कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए कोई कदम उठाएगी। पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार में प्रभावशाली पदों पर रहे लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है, जिससे जनता का भरोसा कमजोर हो रहा है।
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