वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आठ कोर उद्योगों के सूचकांक (Index of Eight Core Industries) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2025 में औद्योगिक गतिविधियों की वृद्धि दर घटकर केवल 2% रह गई है। यह पिछले वर्ष जुलाई में दर्ज 6.3% की वृद्धि दर की तुलना में काफी कम है।
कोर सेक्टर में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली उत्पादन शामिल हैं। मंत्रालय के अनुसार, इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण जीवाश्म ईंधन (कोयला, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस) के उत्पादन में सुस्ती है। इन क्षेत्रों में मांग और आपूर्ति दोनों स्तरों पर दबाव देखा गया, जिससे कुल उत्पादन प्रभावित हुआ।
हालाँकि, स्टील और सीमेंट उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई, जो निर्माण और अवसंरचना परियोजनाओं की गतिविधियों में निरंतरता को दर्शाती है। इन दोनों क्षेत्रों की मजबूती ने कोर सेक्टर की गिरावट को कुछ हद तक संतुलित किया।
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विशेषज्ञों का कहना है कि ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की सुस्ती, वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और घरेलू खपत की धीमी गति इसके प्रमुख कारण हैं। यदि ऊर्जा उत्पादन में सुधार नहीं हुआ, तो आने वाले महीनों में औद्योगिक वृद्धि पर और दबाव पड़ सकता है।
सरकार का कहना है कि वह उत्पादन में गिरावट को रोकने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में नीतिगत सुधार और निवेश प्रोत्साहन पर काम कर रही है। साथ ही, अवसंरचना विकास परियोजनाओं के लिए धन आवंटन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे सीमेंट और स्टील की मांग मजबूत बनी रहे और समग्र औद्योगिक वृद्धि को सहारा मिले।
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