दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में छात्र कार्यकर्ताओं की जमानत याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार को हुई। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि छात्र कार्यकर्ताओं पर फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों की साज़िश में शामिल होने का आरोप है। दिल्ली हाई कोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने उनकी जमानत याचिकाएँ खारिज करते हुए उनकी भूमिका को “गंभीर” बताया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप केवल प्रदर्शन करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये दंगे भड़काने की बड़ी साज़िश का हिस्सा लगते हैं।
छात्र कार्यकर्ताओं ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि वे केवल शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और उन पर लगाए गए आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। उनका तर्क है कि संविधान के तहत उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है।
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं। हालांकि, मामले की जटिलता को देखते हुए अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख तय की। तब तक छात्र कार्यकर्ताओं को जेल में ही रहना होगा।
यह मामला लगातार बहस और राजनीतिक विवाद का विषय बना हुआ है। एक तरफ सरकार और पुलिस का कहना है कि यह सुनियोजित साज़िश थी, वहीं छात्र और कार्यकर्ता इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन के रूप में देख रहे हैं।
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