केरल सरकार ने केरल हाई कोर्ट को सूचित किया है कि राज्य की नई फिल्म नीति के मसौदे को तीन माह के भीतर अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मसौदे के तैयार हो जाने के बाद इस पर आधारित एक व्यापक कानून लाया जाएगा ताकि फिल्म उद्योग के लिए स्थायी और सुदृढ़ व्यवस्था बनाई जा सके।
सरकार ने अदालत में दायर अपने हलफनामे में कहा कि फिल्म नीति का उद्देश्य केरल के फिल्म उद्योग में पारदर्शिता लाना, फिल्म निर्माण को बढ़ावा देना और उभरते फिल्मकारों को आवश्यक सहयोग प्रदान करना है। नई नीति के माध्यम से सेंसरशिप, फिल्म प्रमाणन, वित्तीय सहायता, और फिल्म निर्माण के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचे जैसे मुद्दों को भी सुव्यवस्थित करने की योजना है।
अदालत में यह मामला उस समय आया जब कुछ फिल्मकारों और उद्योग से जुड़े संगठनों ने मौजूदा ढाँचे की कमियों और अस्पष्ट नीतियों को लेकर चिंता जताई। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि फिल्म उद्योग को एक संगठित कानूनी ढाँचे की आवश्यकता है ताकि कलाकारों और तकनीशियनों के हित सुरक्षित रह सकें और फिल्मों के निर्माण एवं वितरण की प्रक्रिया सुचारु हो।
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राज्य सरकार ने आश्वासन दिया कि सभी संबंधित पक्षों — फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों, वितरकों और तकनीकी विशेषज्ञों — से परामर्श कर मसौदा तैयार किया जाएगा। इसके अलावा, नीति को आधुनिक तकनीक और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
अदालत ने राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि निर्धारित समयसीमा के भीतर नीति का प्रारूप तैयार हो जाएगा।
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