चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए ‘मत चोरी’ के आरोपों को सख्ती से खारिज करते हुए कहा है कि यह दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है। आयोग ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि इस संबंध में उसके पास ठोस प्रमाण मौजूद हैं, जो आरोपों को निराधार साबित करते हैं।
चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत सबूतों में विभिन्न राजनीतिक दलों — जिनमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के प्रतिनिधि शामिल हैं — के वीडियो बयान भी सम्मिलित थे। इन वीडियो में प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि मतदान प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी या मतों की चोरी नहीं हुई।
आयोग ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान हर चरण में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाती है। मतदान और मतगणना के समय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहते हैं, ताकि किसी भी संदेह या विवाद की स्थिति में तुरंत समाधान निकाला जा सके।
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कांग्रेस ने हाल ही में आरोप लगाया था कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतों की चोरी हुई है, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुए। इस पर चुनाव आयोग ने तथ्यों और साक्ष्यों के साथ जवाब देते हुए कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं और इनसे जनता में भ्रम फैल सकता है।
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे बिना प्रमाण के ऐसे गंभीर आरोप न लगाएं, क्योंकि इससे लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख और मतदाताओं का विश्वास कमजोर हो सकता है। साथ ही, आयोग ने यह भी दोहराया कि वह किसी भी शिकायत की निष्पक्ष जांच के लिए हमेशा तैयार है, बशर्ते कि उसके समर्थन में ठोस सबूत दिए जाएं।
इस बयान से साफ है कि चुनाव आयोग अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर बेहद गंभीर है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
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