प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों की ₹7.44 करोड़ की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। ईडी ने कहा कि ये संपत्तियां उन कंपनियों की हैं जो "लाभकारी रूप से" सत्येंद्र जैन के स्वामित्व में थीं।
ईडी की कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। जांच एजेंसी का आरोप है कि सत्येंद्र जैन ने अपने ज्ञात आय स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की और इन संपत्तियों को कंपनियों के माध्यम से निवेश कर छिपाने की कोशिश की। बताया गया है कि उनके और उनके सहयोगियों द्वारा खड़ी की गई इन कंपनियों का इस्तेमाल संदिग्ध लेन-देन और धनशोधन के लिए किया गया।
ईडी के अनुसार, सत्येंद्र जैन की आय और संपत्ति के बीच भारी असमानता पाई गई है। एजेंसी ने दावा किया कि जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है, उनमें अचल संपत्ति और वित्तीय निवेश दोनों शामिल हैं। जांच से यह भी सामने आया कि इन संपत्तियों का वास्तविक लाभ सत्येंद्र जैन और उनके परिवार को मिल रहा था।
और पढ़ें: मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ाई में मॉरीशस की मदद करेगा ईडी, प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के दायरे में हैं और उन्हें पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। आप पार्टी ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार अपने एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
और पढ़ें: पीएसीएल घोटाला: ईडी ने 696.21 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ की अटैच