एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने कथित अंडरवैल्यूड जमीन की बिक्री में इनसॉल्वेंसी एंड बैंकक्रप्सी कोड (IBC) के दुरुपयोग के मामले में दिल्ली और गुरुग्राम के छह स्थानों पर छापेमारी की। यह कदम उस संदेह के बाद उठाया गया कि जमीन की बिक्री के दौरान प्रक्रिया में अनियमितताएं हुईं और होमबायर्स को इस बारे में जानकारी नहीं दी गई।
एजेंसी ने शुक्रवार को बताया, “छापेमारी में ऐसे मध्यस्थ शामिल थे जो इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थे, साथ ही रिज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल, NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) के वकील और संपत्ति के खरीदार M/s RDB Infrastructure and Power Ltd., जो विनोद डगर द्वारा प्रमोट की गई कंपनी है, भी शामिल थे।”
ईडी का आरोप है कि इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया में कई कमियां रही, जिससे खरीदारों को वास्तविक जानकारी नहीं दी गई और संपत्ति को कथित तौर पर अंडरवैल्यू में बेच दिया गया। यह मामला रियल एस्टेट और कॉर्पोरेट क्षेत्र में पारदर्शिता और नियामक प्रक्रियाओं पर सवाल उठाता है।
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स्रोतों के अनुसार, एजेंसी अब सभी संबंधित दस्तावेजों और लेनदेन की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि संपत्ति की बिक्री में कितनी अनियमितताएं हुईं और कौन-कौन लोग इसमें शामिल थे।
इस कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि ईडी बड़े कॉर्पोरेट और रियल एस्टेट लेनदेन में नियमों के पालन को लेकर सख्ती बरत रही है। साथ ही यह होमबायर्स और निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए उठाया गया कदम भी है।
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