जेफ्री एप्स्टीन से जुड़े वर्षों पुराने सेक्स ट्रैफिकिंग मामले में पारदर्शिता की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। लगभग दो महीने के सरकारी शटडाउन के बाद जब अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव्स फिर से सत्र में लौटा, तो नई ईमेल्स के खुलासों ने राजनीति में हलचल बढ़ा दी। इन ईमेल्स में दावा किया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने एप्स्टीन के घर “घंटों बिताए” और वे नाबालिग पीड़िताओं के बारे में “जानते थे।”
हालात ऐसे बने हैं कि हाउस अब उस विधेयक पर वोट करने जा रहा है जो न्याय विभाग (DOJ) को एप्स्टीन से जुड़े सभी केस फाइलें सार्वजनिक करने के लिए बाध्य करेगा। यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप और रिपब्लिकन नेतृत्व के हफ्तों से जारी विरोध को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है।
एप्स्टीन, जिसने 2019 में जेल में आत्महत्या कर ली थी, पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी के गंभीर आरोप थे। उनके खिलाफ नए दावों और राजनीतिक दबाव के बीच अब कई सांसद चाहते हैं कि DOJ उन सभी दस्तावेज़ों को जारी करे जिनसे यह पता चल सके कि और कौन लोग इस मामले में शामिल या जानकारी रखते थे।
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डेमोक्रेट्स और कुछ रिपब्लिकन सदस्यों ने जुलाई में “एप्स्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट” पर जबरन वोट कराने के लिए डिस्चार्ज पेटीशन दाखिल की थी, जिसे पिछले सप्ताह आवश्यक समर्थन मिला। जैसे ही अधिकांश रिपब्लिकनों के समर्थन की संभावना बढ़ी, स्पीकर माइक जॉनसन और ट्रंप ने विरोध से हटकर “उदासीनता” दिखानी शुरू कर दी।
विधेयक DOJ को निर्देश देगा कि वह एप्स्टीन से संबंधित सभी फाइलें और संचार सार्वजनिक करे। हालांकि पीड़ितों और चल रही जांचों से जुड़ी जानकारी हटाई जा सकती है, लेकिन “राजनीतिक संवेदनशीलता, बदनामी या प्रतिष्ठा को नुकसान” के आधार पर सेंसर नहीं किया जा सकेगा।
हाउस में विधेयक पारित होना लगभग तय है, लेकिन सीनेट में इसकी राह मुश्किल है, क्योंकि रिपब्लिकन बहुमत इसे रोक भी सकता है। यदि दोनों सदनों से बिल पारित होता है, तो यह राष्ट्रपति ट्रंप के पास जाएगा—वे इसे वीटो कर सकते हैं, पर ऐसा करने पर उन्हें भारी राजनीतिक दबाव झेलना पड़ सकता है।
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