साल 2025 भारत और दुनिया के लिए उथल-पुथल भरा रहा। इस वर्ष ऐसे कई घटनाक्रम सामने आए, जिन्होंने वैश्विक राजनीति, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को गहराई से प्रभावित किया। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी से लेकर भारत की सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और नागरिक प्रक्रियाओं से जुड़े अहम फैसलों तक, 2025 ने दुनिया को लगातार तनाव में बनाए रखा।
साल की शुरुआत ही कई दर्दनाक घटनाओं से हुई। अलग-अलग देशों में भगदड़, सड़क और रेल हादसे तथा गंभीर आपराधिक घटनाओं ने सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। इन घटनाओं ने सरकारों और प्रशासनिक तंत्र को सुरक्षा उपायों की समीक्षा के लिए मजबूर किया। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता और संख्या में भी बढ़ोतरी देखी गई।
2025 में जलवायु परिवर्तन का असर और स्पष्ट रूप से सामने आया। कई देशों में भीषण बाढ़, भूकंप, जंगलों में आग और अत्यधिक गर्मी ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। राहत और बचाव कार्यों में आपदा प्रबंधन एजेंसियों की भूमिका अहम रही, जबकि वैश्विक स्तर पर जलवायु संकट से निपटने की रणनीतियों पर नई बहस शुरू हुई।
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भू-राजनीतिक स्तर पर भी यह साल बेहद संवेदनशील रहा। कई क्षेत्रों में आतंकवादी हमलों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रखा, वहीं देशों के बीच सैन्य टकराव और युद्ध जैसे हालात बने रहे। भारत-पाकिस्तान तनाव, पश्चिम एशिया में संघर्ष और अन्य क्षेत्रीय विवादों ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को लगातार चुनौती दी।
भारत के संदर्भ में, ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियानों ने देश की सुरक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख को दर्शाया। वहीं, प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर लिए गए फैसलों ने घरेलू राजनीति को भी प्रभावित किया।
कुल मिलाकर, 2025 ऐसा वर्ष रहा जिसमें हर दिन कोई न कोई नई चुनौती सामने आई। इन घटनाओं ने न केवल सरकारों और वैश्विक संस्थानों की भूमिका को परखा बल्कि आम नागरिकों के जीवन पर भी गहरा असर डाला।
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