केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिया है कि भारत निकट भविष्य में क्रिप्टोकरेंसी, खासकर स्थिरकॉइन (Stablecoins) को लेकर अपने रुख में बदलाव कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब देशों को केवल अनिश्चितताओं से निपटने की बजाय व्यापार, वित्तीय और ऊर्जा असंतुलन जैसी चुनौतियों का सीधा सामना करना होगा।
सीतारमण ने स्पष्ट किया कि स्थिरकॉइन जैसी नई डिजिटल वित्तीय व्यवस्थाओं के साथ जुड़ना और उनके लिए नियामक ढाँचा तैयार करना आवश्यक है। उनका कहना था कि क्रिप्टो को पूरी तरह नकारना समाधान नहीं है, बल्कि इसके जोखिम और अवसरों को संतुलित दृष्टिकोण से देखना होगा।
उन्होंने बताया कि भारत की प्राथमिकता उपभोक्ताओं की सुरक्षा और वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करना है। इसलिए यह जरूरी है कि स्थिरकॉइन और अन्य डिजिटल संपत्तियों के लिए मजबूत और पारदर्शी नियामक तंत्र तैयार किया जाए।
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वित्त मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया के कई देश इस क्षेत्र में सक्रियता दिखा रहे हैं और भारत को भी तकनीकी प्रगति के साथ कदम मिलाना होगा। उन्होंने कहा कि यदि स्थिरकॉइन और क्रिप्टो को सही ढंग से विनियमित किया जाए तो यह भविष्य की वित्तीय संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सीतारमण का यह बयान भारत की क्रिप्टो नीति में एक संभावित बदलाव की ओर इशारा करता है, जो अब तक अधिकतर सख्त रुख पर आधारित रही है।
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