उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कथित तौर पर तलवारें बांटने के मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई उस समय की गई जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद विपक्षी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि यह घटना पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की एक सोची-समझी कोशिश का हिस्सा है।
वायरल वीडियो में एक दक्षिणपंथी संगठन ‘हिंदू रक्षा दल’ से जुड़े कुछ लोग गाजियाबाद के स्थानीय निवासियों को तलवारें वितरित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह घटना सोमवार, 29 दिसंबर 2025 को हुई बताई जा रही है। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठने लगे, जिसके चलते मामले की जांच तेज की गई।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस मामले में कम से कम 46 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इनमें धारा 191(2), जो दंगे का दोषी होने से संबंधित है, धारा 191(3), जिसमें घातक हथियार से लैस होकर दंगा करने का अपराध शामिल है, और धारा 127(2), जो अवैध रूप से किसी को बंधक बनाने या गलत तरीके से रोकने से जुड़ी है, शामिल हैं।
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पुलिस का कहना है कि वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है और इस बात का पता लगाया जा रहा है कि तलवारें कहां से लाई गईं और इन्हें बांटने का उद्देश्य क्या था। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं समाज में भय और तनाव का माहौल पैदा करती हैं। उन्होंने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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