गोवा में राजनीतिक समीकरण एक बार फिर बदलते हुए दिखे, जब मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के मंत्रिमंडल में वरिष्ठ नेता रमेश तावडकर और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल पी. एस. श्रीधरन पिल्लई ने राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में दोनों नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही रमेश तावडकर ने गोवा विधानसभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस कदम से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई थीं, जो आखिरकार सच साबित हुईं।
रमेश तावडकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और वे पहले भी राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वहीं दिगंबर कामत, जो कभी कांग्रेस के प्रमुख चेहरे थे, 2022 में भाजपा में शामिल हो गए थे। अब मंत्री पद मिलने के बाद इसे भाजपा नेतृत्व के विश्वास और सियासी रणनीति के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार का उद्देश्य पार्टी संगठन को मजबूत करना और आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधना है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि मंत्रिमंडल में अनुभवी नेताओं के शामिल होने से शासन और विकास कार्यों की गति और तेज होगी।
विपक्ष ने इस कदम को सत्ता के लिए राजनीतिक समझौता बताया है और कहा कि भाजपा अवसरवादी राजनीति कर रही है।
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