गुरुग्राम के जिस वकील रिज़वान को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उसके बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। रिज़वान के वकील मित्र मुशर्रफ उर्फ परवेज़, जिन्हें पहले हिरासत में लिया गया था, ने पुलिस को बताया कि रिज़वान पंजाब में सात बार पैसे लेने गया था और उसके दो बैंक खाते भी थे।
मुशर्रफ ने बताया कि उनकी दोस्ती 2022 में सोहना कोर्ट में इंटर्नशिप के दौरान हुई थी। बाद में वे अलग-अलग अदालतों में प्रैक्टिस करने लगे, लेकिन उनका संपर्क बना रहा। मुशर्रफ ने बताया कि जुलाई में दोनों उसकी कार से अमृतसर वाघा बॉर्डर गए थे, जहां स्वर्ण मंदिर में कुछ लोगों ने रिज़वान को बाइक पर आकर पैसों से भरा एक बैग दिया। वापसी में दोनों का एक्सीडेंट हो गया, जिसके कारण कार वहीं छोड़नी पड़ी और वे ट्रेन से लौटे।
एक अगस्त को वे फिर अमृतसर गए कार लेने, लेकिन उसी रात रिज़वान दोबारा पैसे लेने निकल गया। जांच में पता चला कि रिज़वान सात बार पंजाब गया था और स्कॉर्पियो व स्कोडा कार वाले लोग उसे पैसे देते थे। रिज़वान ने स्वीकार किया कि उसने 41 लाख रुपये नकद इकट्ठा किए और यह राशि उसने अजय अरोड़ा नाम के व्यक्ति को सौंपी।
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उसके पंजाब नेशनल बैंक (तौरू) और इंडसइंड बैंक (सोहना) खाते थे। PNB खाता सीमा से अधिक लेनदेन के कारण बंद कर दिया गया था। अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तानी हैंडलरों से आए करोड़ों रुपये हवाला के ज़रिये उसके खातों में जमा हुए, जिनका उपयोग पंजाब में आतंकी नेटवर्क मजबूत करने में किया गया।
रिज़वान के लैपटॉप और फोन से कई संदिग्ध लेनदेन भी मिले हैं। पुलिस ने अमृतसर से तीन और लोगों—संदीप सिंह उर्फ गगन, अमनदीप सिंह और जसकरण सिंह—को गिरफ्तार किया है, जिन पर हवाला के माध्यम से करोड़ों रुपये रिज़वान तक पहुंचाने का आरोप है।
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