हमास ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाज़ा शांति योजना में संशोधन की मांग की है। संगठन ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में यह योजना गाज़ा पट्टी में स्थायी शांति सुनिश्चित नहीं कर सकती। हमास नेताओं का कहना है कि किसी भी शांति समझौते के लिए तीन प्रमुख शर्तें पूरी करना आवश्यक है – निरस्त्रीकरण की स्पष्ट रूपरेखा, इज़रायल की पूर्ण वापसी और गुटों का निष्कासन।
हमास ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह भी मांग की है कि इज़रायल की पूरी तरह वापसी को सुनिश्चित करने के लिए ठोस गारंटी दी जाए। संगठन का कहना है कि गाज़ा से इज़रायली बलों और प्रशासनिक नियंत्रण का अंत तभी संभव है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी पुष्टि और निगरानी की जाए।
इसके अलावा, हमास ने यह आश्वासन भी मांगा है कि गाज़ा पट्टी के भीतर या बाहर उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं की किसी प्रकार की हत्या या हत्या के प्रयास नहीं किए जाएंगे। यह शर्त संगठन की सुरक्षा और राजनीतिक अस्तित्व से जुड़ी बताई जा रही है।
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राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि हमास की ये मांगें शांति प्रक्रिया को और जटिल बना सकती हैं, क्योंकि इज़रायल पहले ही गाज़ा से अपने सैनिकों की वापसी को लेकर कड़ा रुख अपनाए हुए है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय गारंटी और गुट निष्कासन जैसी शर्तें क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं।
गौरतलब है कि गाज़ा संघर्ष दशकों से इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव का केंद्र रहा है। ऐसे में किसी भी शांति योजना की सफलता दोनों पक्षों की सहमति और अंतरराष्ट्रीय समर्थन पर निर्भर करेगी।
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