नवंबर 2025 में भारत के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) की वृद्धि दर 25 महीनों के उच्चतम स्तर 6.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सरकार द्वारा सोमवार (29 दिसंबर 2025) को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस तेज वृद्धि के पीछे मैन्युफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स सेक्टर में व्यापक सुधार प्रमुख कारण रहा।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया कि नवंबर 2025 की यह वृद्धि अक्टूबर 2023 के बाद सबसे अधिक है। अक्टूबर 2023 में IIP की वृद्धि दर 11.9 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जिसके बाद अब यह नवंबर 2025 में एक बार फिर मजबूती के संकेत दे रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मांग बढ़ने, पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में सुधार और निवेश गतिविधियों में तेजी के चलते औद्योगिक उत्पादन को बल मिला है। कैपिटल गुड्स सेक्टर में आई मजबूती को भविष्य की आर्थिक गतिविधियों के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, क्योंकि यह निवेश और बुनियादी ढांचे के विस्तार को दर्शाता है।
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सरकारी आंकड़ों से यह भी संकेत मिलता है कि औद्योगिक क्षेत्र में रिकवरी केवल सीमित क्षेत्रों तक नहीं रही, बल्कि विभिन्न उद्योगों में व्यापक आधार पर सुधार देखा गया है। इससे रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को भी गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और व्यापारिक चुनौतियों के बावजूद घरेलू मांग और उत्पादन गतिविधियों में मजबूती भारत की अर्थव्यवस्था के लिए राहत की खबर है। यदि यह रुझान आने वाले महीनों में भी बना रहता है, तो वित्त वर्ष के शेष हिस्से में औद्योगिक विकास और अधिक मजबूत हो सकता है।
कुल मिलाकर, नवंबर 2025 के IIP आंकड़े यह संकेत देते हैं कि भारतीय उद्योग धीरे-धीरे स्थिरता और विस्तार के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
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