पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने हाल ही में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान एक महिला डॉक्टर के चेहरे से घूंघट (नक़ाब) हटाने के कथित प्रयास को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि वह नीतीश कुमार को व्यक्तिगत रूप से जानती रही हैं और हमेशा उनका सम्मान करती आई हैं, लेकिन इस घटना को देखकर उन्हें गहरा आघात लगा। उन्होंने कहा कि एक युवा मुस्लिम महिला का नक़ाब सार्वजनिक मंच पर हटाना न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह महिला की गरिमा और उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी सीधा हमला है।
उन्होंने आरोप लगाया कि किसी भी महिला के पहनावे या धार्मिक पहचान से जुड़े फैसले लेने का अधिकार केवल उसी महिला को है, न कि किसी राजनीतिक नेता या सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को। इल्तिजा मुफ्ती ने इसे महिलाओं के सम्मान और धार्मिक आज़ादी के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया।
और पढ़ें: नोएडा के कई स्कूलों को मिले बम धमकी वाले ईमेल, जांच में निकले फर्जी: पुलिस
इस बीच, श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में नमाज़ के दौरान प्रमुख धार्मिक नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि किसी महिला का घूंघट हटाना उसकी व्यक्तिगत गरिमा और नैतिक सीमाओं का गंभीर उल्लंघन है। मीरवाइज ने जोर देकर कहा कि समाज में महिलाओं के सम्मान और उनकी पसंद का सम्मान किया जाना चाहिए, चाहे वह धार्मिक हो या व्यक्तिगत।
मीरवाइज उमर ने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले नेताओं को विशेष जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करना चाहिए और ऐसे कृत्य समाज में गलत संदेश देते हैं। उन्होंने सभी वर्गों से महिलाओं की गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने की अपील की।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस छेड़ दी है और इसे महिला अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक मूल्यों से जोड़कर देखा जा रहा है।
और पढ़ें: मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना निंदनीय: हरीश राव