भारत ने चीन को “कड़ा डिमार्च” (औपचारिक नोटिस) भेजा है, जब अरुणाचल प्रदेश की महिला प्रेमा थोंगडोक को 21 नवंबर को शंघाई एयरपोर्ट पर चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा रोककर उत्पीड़ित किया गया। अधिकारियों ने उनका मज़ाक उड़ाया और उन्हें सलाह दी कि वे “चीनी पासपोर्ट के लिए आवेदन करें।”
प्रेमा थोंगडोक ने कहा कि इमिग्रेशन और एयरलाइन कर्मचारियों का व्यवहार “अव्यवसायिक और अशिष्ट” था। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश को चीनी क्षेत्र कहकर ठहाके लगाए और उनका अपमान किया। इस घटना से महिला को मानसिक आघात पहुंचा और भारत के अंदर भारी आक्रोश फैल गया।
विदेश मंत्रालय (MEA) के सूत्रों ने बताया कि ऐसे समय में जब दोनों देश संबंधों में सुधार की दिशा में काम कर रहे हैं, ऐसे कृत्य अनावश्यक अवरोध पैदा करते हैं और द्विपक्षीय संबंधों पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं।
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MEA ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया कि भारतीय नागरिकों के साथ इस प्रकार का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है और भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। भारत ने चीन से आग्रह किया है कि वह अपने अधिकारियों को आवश्यक प्रशिक्षण दे और भारतीय यात्रियों के प्रति सम्मानजनक और पेशेवर व्यवहार सुनिश्चित करे।
इस घटना ने भारत में चीनी अधिकारियों के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं और राजनयिक स्तर पर तनाव बढ़ा सकता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान के लिए सभी आवश्यक उपाय करता रहेगा।
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