भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह के एकतरफा प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करती, विशेषकर जब वे भारत की कंपनियों को लक्षित करते हों। यह बयान यूरोपीय संघ (EU) द्वारा रूस पर लगाए गए ताज़ा प्रतिबंधों के संदर्भ में आया है, जिनमें गुजरात स्थित नायरा एनर्जी की वाडिनार रिफाइनरी का भी उल्लेख किया गया है।
यूरोपीय संघ ने यह नया प्रतिबंध पैकेज रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते लागू किया है, जिसमें उन कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है जो कथित तौर पर रूस के ऊर्जा निर्यात को समर्थन देती हैं। नायरा एनर्जी की वाडिनार रिफाइनरी में रूस की ऊर्जा कंपनी रोसनेफ्ट की बड़ी हिस्सेदारी है, जिससे यह संयंत्र EU की नजरों में आया।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार ने कहा कि भारत केवल संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को मान्यता देता है, और किसी अन्य देश या समूह द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को वह नहीं मानता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम एकतरफा प्रतिबंधों को नहीं मानते। भारत एक स्वतंत्र ऊर्जा नीति अपनाता है, जो हमारी राष्ट्रीय आवश्यकताओं और हितों पर आधारित है।”
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी ऊर्जा कंपनियां पूरी तरह से भारतीय कानूनों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का पालन करती हैं।
यह बयान भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देने की नीति को दर्शाता है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ तेजी से बदल रही हैं।