अमेरिका में काम करने वाले कई भारतीय H-1B वीजा धारक इस महीने अपने वर्क परमिट के नवीनीकरण के लिए भारत लौटे थे, लेकिन अब वे यहीं फंसे हुए हैं। The Indian Witness की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों द्वारा अचानक वीजा अपॉइंटमेंट पुनर्निर्धारित या रद्द कर दिए जाने के कारण ये उच्च-कुशल भारतीय पेशेवर अमेरिका वापस नहीं जा पा रहे हैं।
इमिग्रेशन वकीलों के हवाले से बताया गया है कि 15 दिसंबर से 26 दिसंबर के बीच कई भारतीयों की वीजा अपॉइंटमेंट रद्द की गईं। यह अवधि अमेरिका में छुट्टियों के मौसम से मेल खाती है। वाशिंगटन पोस्ट द्वारा देखे गए ईमेल में अमेरिकी विदेश विभाग ने वीजा धारकों को बताया कि ट्रंप प्रशासन की नई सोशल मीडिया जांच नीति लागू होने के बाद उनके इंटरव्यू में देरी हो रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी आवेदक अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा न हो।
10 दिसंबर को भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा था कि अमेरिका ने अब सभी H-1B विशेष श्रेणी के कर्मचारियों और उनके H-4 वीजा पर आश्रितों के सोशल मीडिया और ऑनलाइन गतिविधियों की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। इससे पहले यह जांच छात्र और एक्सचेंज वीजा श्रेणियों—F, M और J—तक सीमित थी। 15 दिसंबर से यह प्रक्रिया H-1B और H-4 आवेदकों पर भी लागू कर दी गई।
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ह्यूस्टन स्थित इमिग्रेशन फर्म की पार्टनर एमिली न्यूमैन ने कहा कि उनके कम से कम 100 क्लाइंट भारत में फंसे हुए हैं। भारत में प्रैक्टिस करने वाली इमिग्रेशन वकील वीणा विजय अनंत और अटलांटा के वकील चार्ल्स कक ने भी ऐसे दर्जनों मामलों की पुष्टि की है। अनंत ने कहा, “यह अब तक का सबसे बड़ा अव्यवस्था भरा हाल है, और यह स्पष्ट नहीं है कि कोई ठोस योजना है भी या नहीं।”
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अब दूतावास और वाणिज्य दूतावास मामलों के त्वरित निपटारे से ज्यादा प्रत्येक वीजा आवेदन की गहन जांच को प्राथमिकता दे रहे हैं। अप्रैल 2025 की यूएससीआईएस रिपोर्ट के अनुसार, H-1B वीजा धारकों में 71% भारतीय हैं।
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