इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के तहत 7 निजी निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत ₹5,532 करोड़ है। इनमें से पांच परियोजनाएं तमिलनाडु, जबकि एक-एक मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में स्थापित की जाएंगी।
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन परियोजनाओं से लगभग 5,195 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत स्वीकृत पहला चरण (first tranche) है, जिसका उद्देश्य देश में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को प्रोत्साहित करना और आयात पर निर्भरता कम करना है।
इस योजना के तहत निजी कंपनियों को उनके उत्पादों की श्रेणी और उत्पादन के वर्ष के आधार पर 1% से 10% तक उत्पादन मूल्य पर प्रोत्साहन छह वर्षों की अवधि में दिया जाएगा। इसका लक्ष्य भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख केंद्र बनाना है।
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तमिलनाडु, जो पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र है, इस योजना के तहत सबसे अधिक निवेश आकर्षित कर रहा है। वहीं, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में भी इस क्षेत्र में नए औद्योगिक अवसरों के उभरने की संभावना है।
मंत्रालय ने कहा कि इन निवेशों से देश में अर्धचालक (semiconductors), कैपेसिटर, कनेक्टर और अन्य महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक घटकों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
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