बॉलीवुड अभिनेता और पशु अधिकारों के समर्थक जॉन अब्राहम ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश की समीक्षा करने की अपील की है। यह आदेश आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से सड़कों से हटाकर आश्रयों में स्थानांतरित करने से संबंधित है।
यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के एक दिन बाद आया है, जिसमें सभी संबंधित प्राधिकरणों को “यथाशीघ्र” सड़कों से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर स्थायी रूप से शेल्टर में रखने का आदेश दिया गया था। कोर्ट का मानना है कि इससे सार्वजनिक सुरक्षा और कुत्तों से जुड़े हमलों की घटनाओं में कमी आएगी।
जॉन अब्राहम ने अपने पत्र में कहा कि आवारा कुत्ते हमारे शहरी पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा हैं और उन्हें अचानक उनके प्राकृतिक आवास से हटाना न केवल उनके लिए हानिकारक होगा, बल्कि इससे पशु क्रूरता की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। उन्होंने इस फैसले के नैतिक और व्यावहारिक पहलुओं पर जोर देते हुए कहा कि कुत्तों के प्रति संवेदनशील और मानवीय दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।
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उन्होंने सुझाव दिया कि समस्या का समाधान बड़े पैमाने पर नसबंदी और टीकाकरण कार्यक्रमों, जिम्मेदार पालतू पशु पालन को बढ़ावा देने और कचरा प्रबंधन में सुधार के जरिए निकाला जा सकता है, न कि उन्हें जबरन हटाकर।
जॉन ने अपने पत्र में यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में विशेषज्ञों, पशु कल्याण संगठनों और स्थानीय समुदायों की राय लेकर संतुलित और मानवीय नीति बनानी चाहिए।
यह मुद्दा अब देशभर में पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
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