केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा (अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस) संक्रमण ने एक बार फिर जान ले ली है। वायनाड जिले के एक व्यक्ति की मृत्यु के साथ पिछले एक महीने में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या पांच हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में 11 मरीज कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस एक अत्यंत दुर्लभ लेकिन घातक संक्रमण है, जो नेग्लेरिया फाउलेरी नामक अमीबा के कारण होता है। यह परजीवी प्रायः नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और मस्तिष्क पर हमला करता है। संक्रमण होने के बाद इसके लक्षणों में तेज सिरदर्द, बुखार, उल्टी, गर्दन अकड़ना और मानसिक स्थिति में बदलाव शामिल हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इसका इलाज बेहद चुनौतीपूर्ण है और अब तक विश्व स्तर पर इस बीमारी से बचने की संभावना बेहद कम रही है।
केरल में हाल ही में लगातार मामलों के सामने आने से स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अमीबा प्रायः गंदे और ठहरे हुए पानी में पाया जाता है। ऐसे में तैराकी या पानी से जुड़े अन्य संपर्क गतिविधियों के दौरान संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
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राज्य सरकार ने लोगों को सतर्क करते हुए कहा है कि वे संदिग्ध पानी में तैराकी या स्नान से बचें और स्वच्छता के उपायों का पालन करें। इसके साथ ही अस्पतालों में विशेष निगरानी और तेज उपचार की व्यवस्था की जा रही है।
इस नई मौत ने जनता और स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच चिंता को और गहरा कर दिया है और अब यह सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का रूप लेता दिख रहा है।
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