कोलकाता शहर भारी बारिश और बाढ़ के बाद तबाह हालात का सामना कर रहा है। कई क्षेत्रों की सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। नागरिकों और व्यवसायों को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा है।
शहर के कई हिस्सों में पानी जमा होने से लोग अपने घरों और कार्यस्थलों तक नहीं पहुँच पा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन कदम उठाए हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण राहत कार्य चुनौतीपूर्ण बन गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ की समस्या केवल पानी भरने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कारण आर्थिक नुकसान, संपत्ति की क्षति, और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी बढ़ गए हैं।
व्यवसायों पर इसका सीधा असर पड़ा है। कई दुकानें और छोटे उद्यम बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिससे उनका रोज़मर्रा का व्यापार ठप हो गया है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक हानि लाखों रूपए में आंकी जा सकती है और इसका असर शहर की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक पड़ सकता है।
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नागरिक भी जलभराव और यातायात बाधाओं से परेशान हैं। कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए नाव या अन्य असामान्य साधनों का सहारा लेना पड़ा। स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेताया है कि बाढ़ के पानी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं और नागरिकों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है। मौसम विभाग ने चेताया है कि आगामी दिनों में और बारिश की संभावना है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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