पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सोमवार को हुई अत्यधिक बारिश ने सामान्य जीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया। लगातार 24 घंटे से हो रही मूसलधार वर्षा के कारण शहर के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं। सड़कें पानी में डूब गईं, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई। सबसे अधिक असर मेट्रो सेवाओं पर पड़ा, जिन्हें कई घंटों तक रोकना पड़ा। लोगों को दफ्तर और स्कूल जाने में भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा।
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि कुछ इलाकों में पानी की निकासी धीमी होने के कारण घरों और दुकानों में पानी घुस गया। नागरिक प्रशासन ने राहत और बचाव दल को सक्रिय कर दिया है। साथ ही पंप लगाकर पानी निकालने का काम शुरू किया गया है। मौसम विभाग ने आने वाले घंटों में और बारिश की संभावना जताई है।
इसी बीच, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्र में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के पानी में फंसे 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई। नदी और नालों के उफान से ग्रामीण इलाकों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
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मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटे इन क्षेत्रों में और अधिक बारिश हो सकती है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और अलर्ट पर रहें।
इन घटनाओं ने एक बार फिर शहरी निकासी व्यवस्था और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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