जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में लेफ्ट यूनिटी ने छात्र संघ चुनावों में अपना दबदबा बनाए रखा और केंद्रीय पैनल की सभी चार पदों पर जीत हासिल की। एलीयंस में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) शामिल हैं।
छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए आदिती मिश्रा ने RSS-समर्थित ABVP के विकास पटेल को 449 वोटों से हराया। उपाध्यक्ष पद के लिए किझाकूट गोपिका बाबू ने तान्या कुमारी को पराजित किया। वहीं, सुनील यादव और डैनिश अली ने क्रमशः जनरल सचिव और संयुक्त सचिव पद पर अपने प्रतिद्वंद्वियों राजेश्वर कांत दूबे और अनुज को हराया।
इस साल कुल 9,043 छात्र मतदान के लिए योग्य थे। चुनाव में 67% मतदान हुआ, जो पिछले चुनाव की तुलना में थोड़ा कम था। कैंपस में होस्टल और स्कूलों के बाहर छात्रों की लंबी कतारें लगीं, जिसमें नारेबाजी, ढोल-डमरू और प्रचार गीतों का माहौल था।
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ABVP के लिए झटका
इस परिणाम ने ABVP को झटका दिया है, जो पिछले साल JNUSU केंद्रीय पैनल में वापसी कर चुकी थी, जब वैभव मीना संयुक्त सचिव बने थे। इससे पहले, 2015 में सौरभ शर्मा की जीत ने 14 साल बाद ABVP को सफलता दिलाई थी। ABVP की अकेली अध्यक्ष पद की जीत 2000–01 में संदीप महापात्रा ने हासिल की थी।
इस साल के नतीजों से लेफ्ट यूनिटी ने अपने राजनीतिक प्रभुत्व को फिर से स्थापित किया है और JNU में नेतृत्व की लंबी परंपरा को जारी रखा है — एक ऐसा कैंपस जिसे अक्सर बहस, विरोध और छात्र activism का केंद्र माना जाता है।
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