मध्य प्रदेश में खांसी की दवा से जुड़ी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक कुल 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। यह मामला कथित रूप से मिलावटी दवा कोल्ड्रिफ (Coldrif) से जुड़ा है, जिसे सेवन करने के बाद कई लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हुईं।
जानकारी के अनुसार, पांच बच्चे अब भी अस्पताल में भर्ती हैं और उन्हें गुर्दे (किडनी) फेल होने की समस्या के कारण गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में इलाज दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सभी पीड़ितों ने एक ही बैच की दवा का सेवन किया था, जिससे दवा में रासायनिक मिलावट की आशंका जताई जा रही है।
इस बीच, मामले में गिरफ्तार किए गए बाल रोग विशेषज्ञ (पेडियाट्रिशियन) की रिहाई की मांग को लेकर प्रदेश भर के डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। डॉक्टरों का कहना है कि चिकित्सक को दोषी ठहराना अनुचित है, क्योंकि दवा का निर्माण और अनुमोदन राज्य के औषधि विभाग की जिम्मेदारी है। उनका कहना है कि कार्रवाई दवा निर्माता कंपनी और अनुमोदन देने वाले अधिकारियों के खिलाफ होनी चाहिए।
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स्वास्थ्य विभाग ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और दवा के नमूने को परीक्षण के लिए केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (CDL) भेजा गया है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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