पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पार्टी विधायक हुमायूं कबीर से बेहद नाराज़ हैं। कारण—कबीर का मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की प्रतिकृति बनाने का प्रस्ताव। सूत्रों के अनुसार, टीएमसी नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि पार्टी इस तरह के किसी भी कदम से अपना संबंध नहीं रखेगी और यह संदेश विधायक को स्पष्ट रूप से दे दिया गया है।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बंगाल के मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि हुमायूं कबीर से जुड़ा मामला पार्टी नेतृत्व देख रहा है और वे लगातार अपने बयान बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को उम्मीद है कि कबीर गुरुवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बहारामपुर में शामिल होंगे।
ममता बनर्जी गुरुवार को भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित मुर्शिदाबाद में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के खिलाफ एक रैली को संबोधित करेंगी। हुमायूं कबीर, जो भारतपुर के विधायक हैं, को इस रैली में आमंत्रित किया गया है और उनके शामिल होने की उम्मीद है।
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लेकिन रैली से एक दिन पहले, कबीर ने घोषणा की कि वह 6 दिसंबर को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद प्रतिकृति की आधारशिला रखेंगे। इसी बीच, राज्यपाल आनंद बोस ने सरकार से सवाल किया है कि यदि विधायक के बयान कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ रहे हैं, तो उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें मिले फील्ड और खुफिया रिपोर्ट संकेत देते हैं कि कोई मुर्शिदाबाद को विवाद का केंद्र बनाने की कोशिश कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन पहले से ही हाई अलर्ट पर है।
सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी ने मंगलवार को जिले में प्रशासनिक अधिकारियों और पार्टी नेताओं के साथ कई बैठकें कीं। हुमायूं कबीर के पास 6 दिसंबर के कार्यक्रम के लिए अनिवार्य पुलिस अनुमति नहीं है, फिर भी प्रशासन सतर्क है क्योंकि उन्होंने स्थान को लेकर चुप्पी साध रखी है।
टीएमसी के एक जिला नेता ने कहा कि विधायक का यह “ड्रामा” सिर्फ रेजीनगर सीट से टिकट पाने के दबाव की रणनीति है।
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