पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार (4 नवंबर 2025) को कोलकाता की सड़कों पर उतरकर मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) के खिलाफ एक विशाल विरोध रैली का नेतृत्व किया।
टीएमसी ने इस पूरे अभियान को “मौन अदृश्य धांधली” (Silent Invisible Rigging) बताया है, जिसे पार्टी के अनुसार भाजपा नेतृत्व वाले केंद्र सरकार और चुनाव आयोग द्वारा संचालित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनके भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे। रैली की शुरुआत रेड रोड पर बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा से हुई और यह जोरोसांको ठाकुर बाड़ी — नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास — पर जाकर समाप्त हुई।
और पढ़ें: कोलकाता में आज ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी की पदयात्रा: जानिए रूट, समय और ट्रैफिक डाइवर्जन
करीब 3.8 किलोमीटर लंबी इस रैली में हजारों टीएमसी समर्थक शामिल हुए। समर्थकों ने हाथों में टीएमसी के झंडे, रंग-बिरंगे पोस्टर लिए हुए थे और भाजपा विरोधी नारे लगा रहे थे।
ममता बनर्जी अपने पारंपरिक सफेद सूती साड़ी और चप्पल में जुलूस का नेतृत्व कर रही थीं। वे बीच-बीच में रुककर सड़क किनारे और बालकनी में खड़े लोगों का अभिवादन भी करती दिखीं।
अभिषेक बनर्जी उनके पीछे चल रहे थे, भीड़ की ओर हाथ हिलाते हुए। उनके साथ कई वरिष्ठ टीएमसी नेता और मंत्री भी मौजूद थे।
टीएमसी ने कहा कि यह रैली लोकतंत्र की रक्षा के लिए है और केंद्र सरकार की “चुनावी हेराफेरी” के खिलाफ जनता को जागरूक करने का प्रयास है।
और पढ़ें: राज्य अस्पतालों में यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बाद ममता बनर्जी ने दिए कड़े सुरक्षा निर्देश