सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी दिग्गज मेटा (Meta) ने घोषणा की है कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती लागत को संभालने के लिए 2 बिलियन डॉलर की एसेट बिक्री करेगी। यह रणनीति टेक कंपनियों में हो रहे एक व्यापक बदलाव को दर्शाती है, जहां पहले वे खुद की पूंजी से विकास करती थीं, लेकिन अब जनरेटिव एआई (Generative AI) को सपोर्ट करने के लिए आवश्यक डेटा सेंटर्स के निर्माण और संचालन में भारी खर्च के कारण नए वित्तीय विकल्प तलाश रही हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जनरेटिव एआई को सपोर्ट करने वाले डेटा सेंटर्स को उच्च स्तरीय हार्डवेयर, शक्तिशाली कंप्यूटिंग इंजन और बड़े पैमाने पर बिजली आपूर्ति की जरूरत होती है। इन आवश्यकताओं के चलते लागत में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे कंपनियों के लिए आत्मनिर्भर रूप से निवेश जारी रखना चुनौतीपूर्ण बन गया है।
मेटा ने कहा कि इस एसेट बिक्री से जुटाई गई राशि का उपयोग डेटा सेंटर्स के विस्तार, उन्नत एआई मॉडल के प्रशिक्षण और एआई-संचालित सेवाओं के विकास में किया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य एआई तकनीक को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराना और अपने प्लेटफॉर्म्स पर अधिक स्मार्ट व व्यक्तिगत उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करना है।
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उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम अन्य टेक कंपनियों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा, क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और अमेज़न जैसी कंपनियां भी एआई इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी खर्च कर रही हैं। भविष्य में एआई आधारित सेवाओं की मांग बढ़ने के साथ इस तरह की फंडिंग रणनीतियां आम हो सकती हैं।
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