गृह मंत्रालय (MHA) ने हाल ही में लेह में हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया है। इस जांच का नेतृत्व पूर्व न्यायाधीश बी.एस. चौहान करेंगे, जो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रह चुके हैं और कई महत्वपूर्ण जांचों में अपनी निष्पक्ष भूमिका के लिए जाने जाते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि यह कदम लेह में हाल ही में भड़की झड़पों और सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के बाद उठाया गया है। जांच आयोग का उद्देश्य हिंसा के कारणों, उसमें शामिल लोगों, और प्रशासनिक विफलताओं की पहचान करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
रिपोर्टों के अनुसार, हिंसा के दौरान कई लोग घायल हुए और कई वाहनों व सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचा। स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को काबू में लाने के लिए सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां भेजी थीं। अब, न्यायिक जांच यह भी देखेगी कि क्या प्रशासन ने समय पर और पर्याप्त कदम उठाए या नहीं।
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गृह मंत्रालय ने कहा कि न्यायिक आयोग को अपनी रिपोर्ट तीन महीने के भीतर सौंपने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान आयोग प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज करेगा, वीडियो फुटेज और दस्तावेजों की समीक्षा करेगा और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ अनुशासनात्मक या आपराधिक कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है।
केंद्र सरकार ने कहा कि इस जांच का उद्देश्य सिर्फ दोष तय करना नहीं बल्कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संस्थागत सुधारों की सिफारिशें देना भी होगा।
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