देश में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों के बीच म्यूल अकाउंट्स (Mule Accounts) की संख्या चौंकाने वाली रफ्तार से बढ़ रही है। सबसे गंभीर हालात केरल के कोझिकोड और मल्लपुरम जिलों में देखे जा रहे हैं, जहां बैंकों में बड़ी संख्या में संदिग्ध अकाउंट्स पाए गए हैं।
सीबीआई (CBI) की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में अब तक 8.5 लाख म्यूल अकाउंट्स की पहचान की जा चुकी है। वहीं, साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) का अनुमान है कि यह संख्या 20 लाख से भी अधिक हो सकती है।
म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल साइबर अपराधी ठगी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अवैध लेन-देन के लिए करते हैं। इन अकाउंट्स में आमतौर पर उन लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता है जो छोटे आर्थिक लाभ के बदले अपने खाते दूसरों के उपयोग के लिए उपलब्ध करा देते हैं। कई मामलों में खातेधारक को यह भी नहीं पता होता कि उसके खाते का उपयोग अपराधों में किया जा रहा है।
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कोझिकोड और मल्लपुरम जैसे जिलों में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोग रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन्हीं परिस्थितियों का फायदा उठाकर अपराधी लोगों को अकाउंट्स उपलब्ध कराने के लिए तैयार कर लेते हैं।
सरकार और जांच एजेंसियों ने इस पर गंभीर चिंता जताई है। बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संदिग्ध लेन-देन पर सख्ती से नज़र रखें और ऐसे खातों की पहचान तुरंत करें। साथ ही, आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियानों की भी योजना बनाई जा रही है।
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