दिल्ली की एक विशेष अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेने के आदेश को अगले महीने तक स्थगित कर दिया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने शनिवार (29 नवंबर 2025) को निर्धारित आदेश को टालते हुए कहा कि अब इस पर फैसला 16 दिसंबर को सुनाया जाएगा।
ईडी ने अपनी विस्तृत चार्जशीट में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी, साथ ही दिवंगत वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस पर साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके अलावा पत्रकार सुमन दुबे, तकनीकी विशेषज्ञ सैम पित्रोदा तथा प्राइवेट कंपनी यंग इंडियन को भी आरोपियों में शामिल किया गया है।
जांच एजेंसी का आरोप है कि इन सभी ने मिलकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल)—जो नेशनल हेराल्ड अख़बार का प्रकाशन करता है—की लगभग 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को कथित रूप से हड़पने की साजिश रची। चार्जशीट में कहा गया है कि यंग इंडियन ने एजेएल की इन संपत्तियों को मात्र 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले “धोखाधड़ी से” अपने कब्जे में ले लिया।
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ईडी का दावा है कि यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की लगभग 76% हिस्सेदारी है, जिसके माध्यम से उन्होंने एजेएल का नियंत्रण अपने हाथों में लिया। एजेएल की संपत्तियों का यह स्थानांतरण ईडी के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक साजिश के अंतर्गत आता है।
चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया गया है।
अदालत अब 16 दिसंबर को तय करेगी कि ईडी की इस चार्जशीट पर औपचारिक संज्ञान लिया जाए या नहीं। इस फैसले का राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
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