बीजेपी की कोशिशें विफल, धिनाकरन ने EPS के साथ NDA में वापसी से किया इनकार
बीजेपी की AIADMK गुटों को एकजुट करने की कोशिशें असफल, धिनाकरन और EPS ने NDA में वापसी से इनकार किया। दोनों गुटों का अलग रुख DMK के लिए फायदेमंद हो सकता है।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की AIADMK के दो गुटों को एकजुट करने की कोशिशें अब तक सफल नहीं हो पाई हैं। पार्टी ने धिनाकरन और ई. पलानीस्वामी (EPS) के नेतृत्व वाले गुटों को एनडीए (NDA) में वापस लाने के लिए कई दौर की बातचीत की, लेकिन धिनाकरन ने स्पष्ट कर दिया कि वह EPS के साथ NDA में वापसी नहीं करेंगे।
इससे पहले, EPS ने भी संकेत दिए थे कि वह धिनाकरन के साथ मिलकर बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल नहीं होंगे। बीजेपी के रणनीतिकार अब तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले AIADMK के दोनों गुटों को जोड़ने की संभावनाओं पर दोबारा विचार कर रहे हैं। पार्टी का लक्ष्य DMK के खिलाफ मजबूत विरोध खड़ा करना है, लेकिन दोनों प्रमुख गुटों की असहमति इसे चुनौतीपूर्ण बना रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि धिनाकरन और EPS की स्थिति बीजेपी की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकती है। दोनों गुटों की अलगाव की स्थिति DMK के लिए फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि विपक्षी वोटों का बिखराव पार्टी की जीत की संभावना को कमजोर करता है।
बीजेपी के लिए अब यह आवश्यक है कि वह AIADMK के भीतर संतुलन बनाए और ऐसे गठबंधन बनाए जो चुनावी दृष्टिकोण से प्रभावी हों। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, धिनाकरन और EPS की अलग राह चुनने से एनडीए की तमिलनाडु में पकड़ चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
इस तरह, तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के पहले राजनीतिक समीकरण अब और जटिल हो गए हैं, जिसमें बीजेपी को दोनों गुटों के बीच सामंजस्य बनाने के लिए रणनीति बदलनी पड़ सकती है।
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