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भारत में उन्नत रक्षा प्रणालियां बनाने के लिए PSU और फ्रांस की सफ्रान कंपनी के बीच समझौता

भारत ऑप्टेल और फ्रांस की सफ्रान कंपनी भारत में उन्नत रक्षा प्रणालियों का संयुक्त निर्माण करेंगी, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी और मेक-इन-इंडिया को मजबूती मिलेगी।

मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के तहत एक बड़े कदम के रूप में, भारत ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) ने फ्रांस की सफ्रान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस के साथ भारत में उन्नत रक्षा प्रणालियों के निर्माण के लिए एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह समझौता सोमवार (22 दिसंबर 2025) को किया गया। भारत ऑप्टेल लिमिटेड एक मिनी नवरत्न रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (डीपीएसयू) है।

इस समझौते के तहत दोनों कंपनियां भारत में दो अत्याधुनिक, उच्च-सटीकता और युद्ध में परखी जा चुकी रक्षा प्रणालियों का संयुक्त रूप से निर्माण करेंगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, जिन प्रणालियों को इस सहयोग में शामिल किया गया है, उनमें SIGMA 30N डिजिटल रिंग लेजर जाइरो इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और CM3-MR डायरेक्ट फायरिंग साइट शामिल हैं।

SIGMA 30N प्रणाली का उपयोग व्यापक रूप से तोपखाने की बंदूकों, वायु रक्षा प्रणालियों, मिसाइलों और रडारों में किया जाता है। यह प्रणाली सटीक नेविगेशन और लक्ष्य निर्धारण में अहम भूमिका निभाती है, जिससे युद्धक्षेत्र में परिचालन क्षमता और प्रभावशीलता बढ़ती है। वहीं, CM3-MR डायरेक्ट फायरिंग साइट विशेष रूप से तोपखाने की बंदूकों और एंटी-ड्रोन अनुप्रयोगों के लिए डिजाइन की गई है, जो लक्ष्य पर अधिक सटीकता से प्रहार करने में सहायक होती है।

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रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस संयुक्त उद्यम से भारत की रक्षा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही, देश में अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी के निर्माण और कौशल विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। यह समझौता भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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