$1 मिलियन ग्लोबल टीचर प्राइज 2026 की दौड़ में तीन भारतीय शिक्षक, टॉप-50 सूची में शामिल
$1 मिलियन ग्लोबल टीचर प्राइज 2026 के लिए भारत के तीन शिक्षक टॉप-50 में चुने गए हैं। नवाचार और सामाजिक प्रभाव के लिए उन्हें वैश्विक पहचान मिली।
शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और सामाजिक प्रभाव के लिए दिए जाने वाले प्रतिष्ठित $1 मिलियन ग्लोबल टीचर प्राइज 2026 के लिए भारत के तीन शिक्षकों को टॉप-50 शॉर्टलिस्ट में जगह मिली है। सोमवार को जारी सूची में इन शिक्षकों को उनके दूरदर्शी और प्रभावशाली शिक्षण प्रयासों के लिए चुना गया है। चयनित शिक्षकों में मेरठ के स्कूल शिक्षक सुधांशु शेखर पांडा, जम्मू-कश्मीर के शिक्षक मेहराज खुरशीद मलिक और देशभर की झुग्गी-झोपड़ियों व ग्रामीण समुदायों में शिक्षा के लिए काम कर रहीं रूबल नागी शामिल हैं।
ग्लोबल टीचर प्राइज का उद्देश्य ऐसे शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने कक्षा से बाहर निकलकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई हो। सुधांशु शेखर पांडा ने स्कूल शिक्षा में नवाचार के जरिए विद्यार्थियों की भागीदारी और सीखने की गुणवत्ता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है। वहीं, मेहराज खुरशीद मलिक ने जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में शिक्षा के माध्यम से सामाजिक समावेशन और शांति की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है।
रूबल नागी लंबे समय से देश के वंचित वर्गों—विशेषकर शहरी झुग्गियों और ग्रामीण इलाकों—में शिक्षा पहुंचाने के लिए सक्रिय हैं। उन्होंने कला, रचनात्मकता और समुदाय-आधारित सीखने के मॉडलों के जरिए बच्चों और युवाओं को शिक्षा से जोड़ने की नई राह दिखाई है।
ग्लोबल टीचर प्राइज 2026 की प्रक्रिया के तहत टॉप-50 से आगे चलकर टॉप-10 फाइनलिस्ट चुने जाएंगे। अंतिम विजेता का चयन प्रतिष्ठित व्यक्तियों से बनी ग्लोबल टीचर प्राइज अकादमी करेगी। विजेता की घोषणा फरवरी 2026 में दुबई में होने वाले वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट के दौरान की जाएगी।
तीनों भारतीय शिक्षकों का इस सूची में शामिल होना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की शिक्षा व्यवस्था और नवाचारी शिक्षण प्रयासों की वैश्विक पहचान को भी दर्शाता है।
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