केरल सुप्रीम कोर्ट के टीईटी फैसले को देगा चुनौती, 50,000 शिक्षकों पर संकट
केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के टीईटी फैसले को चुनौती देगी। शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि यह निर्णय राज्य के लगभग 50,000 शिक्षकों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
केरल सरकार ने घोषणा की है कि वह शिक्षकों की पात्रता परीक्षा (टीईटी) से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को चुनौती देगी। राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि इस निर्णय का असर केरल में लगभग 50,000 शिक्षकों पर पड़ सकता है, जिससे शिक्षा व्यवस्था में गंभीर संकट खड़ा हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए एक फैसले में कहा है कि शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य है और बिना इस परीक्षा को उत्तीर्ण किए नियुक्तियां मान्य नहीं होंगी। अदालत का मानना है कि यह मानक शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
हालांकि, केरल सरकार का कहना है कि राज्य में पहले से नियुक्त हजारों शिक्षक इस फैसले से प्रभावित होंगे, क्योंकि उनमें से कई ने टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है। यदि यह फैसला लागू होता है तो बड़ी संख्या में शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है, जिससे न केवल उनका भविष्य प्रभावित होगा बल्कि छात्रों की पढ़ाई भी बाधित होगी।
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शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार केंद्र सरकार से भी इस मामले पर चर्चा करेगी ताकि केरल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए समाधान निकाला जा सके।
इस फैसले ने राज्य के शिक्षकों और शिक्षा क्षेत्र में हलचल मचा दी है। शिक्षक संगठनों ने सरकार से आग्रह किया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करे और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देकर शिक्षकों की नौकरियों को सुरक्षित बनाए।
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