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केरल में सरकारी कबाड़ वाहन की फर्जी री-रजिस्ट्रेशन का खुलासा, अंतरराज्यीय धोखाधड़ी की आशंका

केरल MVD ने कबाड़ घोषित सरकारी बाइक की फर्जी री-रजिस्ट्रेशन का खुलासा किया। वाहन को जाली दस्तावेज़ों से हिमाचल में रजिस्टर कराया गया था। मामला पुलिस जांच में भेजा गया है।

केरल के कोल्लम जिले के पुनालुर में मोटर वाहन विभाग (MVD) ने एक राज्य सरकार के कबाड़ घोषित वाहन की फर्जी री-रजिस्ट्रेशन की कोशिश का खुलासा किया है, जिससे अंतरराज्यीय वाहन धोखाधड़ी का संदेह गहराया है। यह मामला सोमवार (17 नवंबर 2025) को सामने आया। MVD ने इस धोखाधड़ी के बारे में जानकारी अपने आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर भी साझा की है।

मामला तब सामने आया जब HP-47-A-4670 नंबर वाली एक रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल को पुनालुर उप-क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में री-रजिस्ट्रेशन के लिए प्रस्तुत किया गया। निरीक्षण के दौरान सहायक मोटर वाहन निरीक्षक सिमोद वी.एस. को वाहन के चेसिस नंबर में गड़बड़ी का संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने परिवहन मंत्रालय के परिवहन’ डेटाबेस में चेसिस नंबर की जांच की।

जांच में पता चला कि यह मोटरसाइकिल पहले KL-01-AV-4409 नंबर के साथ तिरुवनंतपुरम RTO में पंजीकृत थी और केरल सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (VACB) द्वारा उपयोग की जाती थी। यह वाहन कुछ वर्ष पहले कबाड़ घोषित किया गया था और इसकी रजिस्ट्रेशन पूरी तरह रद्द कर दी गई थी। केरल सरकार की नीति के अनुसार सरकारी वाहन 15 वर्ष पूरे होने पर अनिवार्य रूप से कबाड़ किए जाते हैं और इन्हें दोबारा रजिस्टर करने की अनुमति नहीं होती।

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वाहन प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति ने बताया कि उसने यह मोटरसाइकिल मलप्पुरम के एक डीलर से खरीदी थी, जिसने इसे हरियाणा से खरीदा था। अधिकारी के अनुसार, मौजूदा मालिक धोखाधड़ी से अनजान प्रतीत होता है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि केरल में कबाड़ घोषित यह मोटरसाइकिल हिमाचल प्रदेश के डलहौज़ी RTO में एक पूर्व-आर्मी/नीलामी वाहन के रूप में दर्ज की गई थी। परिवहन रिकॉर्ड के अनुसार, इसे 22 जुलाई 2025 को “आर्मी नीलामी” से खरीदा गया दिखाया गया और 24 जुलाई को फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर पुनः पंजीकृत किया गया।

MVD को संदेह है कि स्क्रैपिंग के लिए दिए गए वाहन को किसी ने अवैध रूप से दूसरे राज्यों के डीलरों को बेच दिया और फिर जाली दस्तावेज़ों से रजिस्ट्रेशन करवाया गया। वाहन को विस्तृत जांच के लिए पुलिस को सौंप दिया गया है और पुनालुर पुलिस इस मामले में FIR दर्ज कर जांच करेगी।

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